Ad

kesar aam

केसर आम की विशेषताएं

केसर आम की विशेषताएं

फलों का राजा आम जिसकी विभिन्न विभिन्न प्रकार की किस्में मौजूद है। उन किस्मों में से एक किस्म केसर आम की है। गर्मियों का मौसम आते ही सबसे पहला नाम आम का आता है। लोग गर्मी को आम की वजह से पसंद करते है। क्योंकि गर्मी के मौसम में अलग अलग प्रकार की आम की किस्म आती है जिसे लोग बड़े शौक से खाते हैं। केसर आम से जुड़ी विशेषताओं के बारे में जानने के लिए हमारी इस पोस्ट के अंत तक जरूर बने रहे: 

केसर आम

केसर आम की खुशबू एकदम केसर जैसी होती है यह केसर आम स्वाद में बहुत ही मीठा होता है। केसर आम की मुख्य पैदावार जूनागढ़ और अमरेली जिले में मौजूद गिर्नार पर्वत के तलहटी में केसर आम का उत्पादन होता है। कहा जाता है कि केसर आम को भौगोलिक संकेत की भी प्राप्ति है। 

इस आम का नाम केसर आम क्यों पड़ा

प्राप्त की गई जानकारियों के अनुसार इस आम को केसर के नाम से इसलिए पुकारा जाता है। क्योंकि इस आम में केसर की खुशबू आती है इसीलिए इसका नाम केसर आम पड़ा। केसर आम की पैदावार उत्तर प्रदेश में बहुत ही ज्यादा मात्रा में होती है।

ये भी पढ़ें: दशहरी आम की विशेषताएं

केसर आम का इतिहास

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार केसर आम को वजीर सेल भाई द्वारा वनथाली में उगाया गया था। सन 1931के करीब जूनागढ़ में केसर आम का उत्पादन किया गया था। केसर आम को गिरनार की तलहटी और जूनागढ़ के समीप लाल डोरी फॉर्म में 75 से 80 ग्राफ्ट तक लगाया गया था। केसर आम की पहचान और इसका नाम 1934 में केसर के रूप में लोगों के बीच जाना जाने लगा। मोहम्मद महाबत खान जो जूनागढ़ के नवाब कहे जाते थे। जब उन्होंने इस नारंगी और खूबसूरत फल को देखा , देखते ही उन्होंने कहा या तो केसर है। तब से इस आम को केसर के नाम से ही जाना जाता है। 

केसर आम का उत्पादन

हर साल केसर आम का उत्पादन लगभग 20,000 हेक्टेयर क्षेत्र की दर पर उगाया जाता है। केसर आम की इस उत्पादकता को गुजरात के सौराष्ट्र के जूनागढ़ तथा अमरेली जिले में उगाया जाता हैं। कृषि केंद्र परिषद के अनुसार केसर आम का वार्षिक उत्पादन करीबन दो लाख टन के समीप होता है। अभयारण्य क्षेत्र में केसर आम को गिर केसर आम के नाम से भी पुकारा जाता है। केसर आम की किस्म बाकी किस्मों से बहुत ही ज्यादा महंगी होती है

ये भी पढ़ें: हापुस आम की पूरी जानकारी (अलफांसो)

केसर आम को जीआई टैग की अनुमति

केसर आम का भौगोलिक पंजीकरण का प्रस्ताव गुजरात के एग्रो इंडस्ट्रीज कॉरपोरेशन द्वारा रखा गया था। प्रस्ताव के स्वीकार हो जाने के बाद केसर आम को जीआई टैग की प्राप्ति हुई। जीआई टैग के तहत केसर आम को विभिन्न विभिन्न देशों में भेजा जा सकता है। जिसे स्कैन कर केसर आम का मुख्य पता और जानकारी जान सकेंगे। 

केसर आम का रोपण

केसर आम का वृक्ष रोपण करने से पहले किसान कुछ देर के लिए बीजों को डाइमेथोएट में डूबा कर रखते हैं। इस क्रिया द्वारा फसल में किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता और आम की फसल पूरी तरह से सुरक्षित रहती हैं। बीजों को थोड़ी थोड़ी दूरी पर रोपण करते हैं और हल्का पानी का छिड़काव करते हैं।

ये भी पढ़ें: लंगड़ा आम की विशेषताएं

केसर आम के लिए उपयुक्त जलवायु

केसर आम की खेती दो प्रकार की जलवायु में सबसे सर्वोत्तम होती है पहली उष्ण और दूसरी समशीतोष्ण जलवायु , दोनों ही जलवायु सबसे अच्छी जलवायु मानी जाती है केसर आम की खेती के करने के लिए। केसर आम की खेती के लिए तापमान करीब 23 .1 से लेकर 26 .6 डिग्री सेल्सियस सबसे उत्तम माना जाता है। केसर आम की खेती आप किसी भी तरह की भूमि में आराम से कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें: आम के फूल व फलन को मार्च में गिरने से ऐसे रोकें : आम के पेड़ के रोगों के उपचार

केसर आम के लिए उपयुक्त सिचाई

केसर आम की फसल की सिंचाई लगभग एक से 2 दिन के अंतराल पर करनी चाहिए। केसर आम की फसल के लिए मिट्टी और जलवायु दोनों का खास ख्याल रखना चाहिए।बीच-बीच में लगातार हल्की हल्की सिंचाई करते रहे। हल्की सिंचाई लगातार करते रहने से अच्छा उत्पादन होता है। गर्मियों के मौसम में कम से कम 7 से 8 दिनों के भीतर सिंचाई करते रहना चाहिए। केसरआम जब पूर्ण रूप से विकसित हो जाए तब हल्की सिंचाई की आवश्यकता होती है।

ये भी पढ़ें: आम की बागवानी से कमाई

केसर आम की सप्लाई

पिछले साल की ही बात है केसर आम बहुत ही ज्यादा चर्चा में था। जब केसर आम मार्केट में आया था। तब इसका वजन लगभग 250 ग्राम से लेकर 400 ग्राम तक का था। अपनी इन खूबियों के चलते केसर आम मार्केट में बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय हो गया था। लोगों में केसर आम की मांग काफी बढ़ गई थी कुछ ऐसे राज्य हैं जहां यह आम सप्लाई होने लगे थे। जैसे: कोलकाता , दिल्ली, हैदराबाद बेंगलुरु, रायपुर , आदि जगह केसर आम की सप्लाई तेजी से बढ़ने लगी। 

केसर आम खाने के फायदे

केसर आम खाने के बहुत सारे फायदे हैं और यह फायदे कुछ इस प्रकार है:
  • सबसे पहले बात इसके स्वाद की करे, तो केसर आम स्वाद में सबसे बेहतर होता है। इसमें केसर की भीनी खुशबू आती है और देखने में बहुत ही आकर्षित लगता है।
  • यदि आप केसर आम खाते हैं तो आपका चेहरा चमकता हुआ दिखाई देगा। रोजाना केसर आम खाने से चेहरे का ग्लो बढ़ता है स्किन सॉफ्ट रहती है।
  • केसर आम में मौजूद पोषक तत्व आपको गर्मी में लू लगने से बचाव करते हैं।
  • केसर आम में एंटीऑक्सीडेंट जैसे आवश्यक तत्व मौजूद होते हैं। यह आवश्यक तत्व हमारे शरीर को स्वस्थ रखते हैं।
  • हमारी पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं आंखों की रोशनी को बढ़ाते हैं गिरते हुए बालों की समस्या को दूर करते हैं।
  • केसर आम का सेवन करने से हमारे शरीर का कोलेस्ट्रॉल काफी बेहतर रहता है। हमारे शरीर का वजन सामान्य रहता है।
  • किसानों को केसर आम की फसल से बहुत अच्छा मुनाफा होता है जिससे वह आय निर्यात की प्राप्ति कर लेते हैं।
दोस्तों हम उम्मीद करते हैं , आपको हमारा यह आर्टिकल केसर आम की विशेषताएं पसंद आया होगा। इस आर्टिकल में केसर आम से जुड़ी सभी प्रकार की आवश्यक बातें और जानकारियां मौजूद है। यदि आप हमारी दी गई जानकारियों से संतुष्ट है। तो हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा सोशल मीडिया और दोस्तों के साथ शेयर करें । धन्यवाद।

अब आम खाने के लिए गर्मियों का इंतजार नहीं, पूरे साल मिलेगी जबरदस्त वैरायटी

अब आम खाने के लिए गर्मियों का इंतजार नहीं, पूरे साल मिलेगी जबरदस्त वैरायटी

आम का स्वाद और आम के लिए पूरे सीजन का इंतजार करना, सिर्फ एक आम प्रेमी ही समझ सकता है. वैसे आम की खेती से सिर्फ एक बार ही फल मिलता है. लेकिन उन आम प्रेमियों का क्या, जो पूरे साल आम की डिमांड करते रहते हैं. जिसे देखते हुए आम को कोल्ड स्टोरेज में रखा जाता है. लेकिन यहां बात किसानों की करें तो उन्हें तो इसकी खेती से साल भर में सिर्फ एक बार ही कमाई होती है. लेकिन किसानों की इस समस्या का भी हल निकल चुका है. जहां देश में उपस्थित राजस्थान और कोटा के किसानों ने एक बड़ी उपलब्धी हासिल कर ली है. जानकारी के मुताबिक कोटा और राजस्थान के किसानों ने आम की एक खास वैरायटी तैयार की है. जिसके चलते अब बिना सीजन के भी आम का बंपर उत्पादन किया जा सकेगा. इस आम की वैरायटी बारोमासी यानि की सदाबहार बताई जा रही है. आम की इस वैरायटी को साइंटिस्ट श्रीकृष्ण सुमन ने तैयार किया है. साइंटिस्ट की मानें तो इस वैरायटी के आम के पेड़ों से साल भर में कम से कम तीन बार उत्पादन हो सकेगा. इसका मतलब साफ है कि, अब आम की खेती से एक बार नहीं, बल्कि तीन-तीन बार मुनाफा कमाया जा सकेगा.

खास वैरायटी के आम की खास बातें

इस सदाबहार आम की प्रजाति एक तरह की बौनी प्रजातियों में से एक है. इसका मतलब इस तरह के पेड़ों की लंबाई ज्यादा ऊंची नहीं होती. इसे कीचन गार्डन में भी लगाया जा सकता है. लंगड़े आम की तरह दिखने वाले सदाबहार आम का रंग भी नारंगी होता है. इसमें फाइबर भरपूर मात्रा में है. अगर कोई किसान अपनी एक हेक्टेयर की जमीन पर इस वैरायटी के आम के पेड़ों की खेती करता है तो इसे लगभग पांच से सात टन फलों की पैदावारी मिल सकती है. ये भी देखें: आम की खेती: आमदनी अच्छी खर्चा कम

इतना खास क्यों सदाबहार आम?

हाल ही में कोटा में कृषि एंव किसान कल्याण विभाग ने दो दिवसीय कृषि महोत्सव प्रशिक्षण और प्रदर्शनी का आयोजन किया. इस दौरान साइंटिस श्रीकृष्ण सुमन ने भी सदाबहार आम के पेड़ को प्रदर्शनी में दर्शाया. उन्होंने बताया कि, यह पौधा अन्य आम के पौधों की किस्मों के मुकाबले दोगुनी तेजी से बढ़ता है और दो साल के अंदर ही फल देने लगता है. सदाबहार आम के लिए सिर्फ गोबर की खाद ही काफी है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि, ऑफसीजन में इस किस्म के पेड़ में फल लदे होते हैं. जिसके चलते किसान साल में तीन बार मोटी कमाई कर सकते हैं.